पनामा नहर कुदरत का एक अद्भुत नजारा हमें दिखाती है . यह नहर 1904 में बनना प्रारम्भ हुयी और 1914 में पूरी हुयी . यह अटलांटिक महासागर से प्रशांत महासागर को जोड़ती है एवं 77 किलोमीटर ( 48 मील ) लम्बी है . इसमें से जहाज गुजरते हैं . एक तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका है तो दूसरी ओर पनामा देश . यहाँ एक सेंचुरी क्लब है , जहाँ बैठकर आप एक महासागर में सूर्यास्त एवं थोड़ी देर बाद ही दूसरे महासागर में सूर्योदय एक साथ देख सकते हैं .
यह नहर 5 मील चौड़ी है . यहाँ सूर्य प्रशांत महासागर में उदय होता है और अटलांटिक महासागर में अस्त होता है . इस अद्भुत दृश्य का कारण है कैनाल की भौगोलिक स्थिति . उत्तर-पश्चिम से यह दक्षिण-पूर्व की ओर जाती है . प्रशांत महासागर में जब यह प्रवेश करती है तो वह और भी पूर्व की ओर होता है .
अगर आप सेंचुरी क्लब पनामा में शाम को बैठें तो अटलांटिक महासागर में अस्त होता सूरज देखेंगे , परन्तु जैसे ही उधर अँधेरा शुरू होगा , आप अचानक पूर्व की ओर प्रशांत महासागर में सूर्य की लालिमा देखेंगे और गेंद की तरह ऊपर आता सूरज . प्रकृति का यह नजारा बस ! यहीं देखने को मिलता है . यह बहुत ही विलक्षण एवं अद्भुत दृश्य होता है .
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