बुधवार, 21 सितंबर 2011

तीन प्रश्न और सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण वर्तमान

तीन प्रश्न और सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण वर्तमान

                                     
                               

प्रसिद्ध साहित्यकार टालस्टाय ने ' तीन प्रश्न ' नामक एक महत्त्वपूर्ण कहानी लिखी है . उसका सार निम्न प्रकार है . किसी समय एक राजा था और उसके मन में तीन प्रश्न उठे __ 1 _ सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य क्या है   2 _  परामर्श के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति कौन है ? 3 _ निश्चित कार्य को आरम्भ करने का सबसे महत्त्वपूर्ण समय कौन-सा है ?

राजा ने सभासदों की बैठक बुलाई , पर कोई समाधान न मिला . मंत्री ने परामर्श दिया कि वन में एक चिंतक ऋषि स्तर के महापुरुष एकांत में रहते हैं . उनका सान्निध्य पाना चाहिए . राजा चल पड़ा . उसने सुरक्षा के लिए आये दल को छोड़कर आगे पैदल जाना पसंद किया . देखा कि वह चिन्तक तो खेत में कुदाल चला रहा है . थोड़ी देर देखता रहा , फिर उसकी निगाह पड़ने पर राजा ने अपने तीन प्रश्न बताये . चिंतक ने राजा को कुदाल दे दी और खेत में तब तक चलाने को कहा , जब तक वह मना न करे .

संध्या हो गयी . इसी बीच एक व्यक्ति दौड़ता हुवा आया एवं राजा के पास भूमि पर गिर पड़ा . उसके कपड़े रक्त से लथपथ थे . दोनों ने उसकी मरहम पट्टी की . अगले दिन सबेरे देखा _ वह घायल व्यक्ति राजा से माफ़ी माग रहा था . राजा को आश्चर्य हुवा . उसने बताया कि वह राजा को अकेला पाकर मारने आया था . उसके भाई को राजा ने फांसी की सजा दी थी . गुप्तचरों ने उसे देखकर हमला कर दिया . राजा ने उसकी प्राणरक्षा की ; अत: वह उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने लगा . यह सब देखकर चिन्तक मुस्कुरा रहे थे .

उन्होंने कहा कि _ ' क्या अभी भी आपको प्रश्नों का उत्तर नहीं मिला ? पहली बात _  सबसे महत्त्व का काम वह , जो सामने है . मुझे देखकर मेरे श्रम में सहभागी बनना . महत्त्वपूर्ण व्यक्ति वह , जो पास में है तथा वह घायल व्यक्ति जिसको मदद की आवश्यकता थी . एवं सबसे महत्त्व का समय अभी का है _ वर्तमान का है , जिसके सुनियोजन से आपका शत्रु भी मित्र बन गया .


अस्तु , सार यह है कि सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण वर्तमान है . जिसका सदुपयोग हो जाये एवं पूर्ण मनोयोग से लगा जाये तो सर्वांगीण प्रगति सम्भव है .



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