आज पाँच सितम्बर दो हजार तेरह को आयोजित ' शिक्षक- दिवस ' के पावन पर्व पर हमारी ओर से सभी शिक्षकों , अध्यापकों, गुरुओं तथा सभी ज्ञात - अज्ञात शिष्यों को बहुत- बहुत शुभकामनाएँ। जिन्होंने हमें शुभकामनयें दीं और देना चाह रहे हैं उन सभी को भी। गुरु को मात्र गुरु ही नहीं ; अपितु उन्हें ' आचार्य ' बनने का अवसर प्रदान कीजिये ताकि वह वाणी से ही नहीं अपने आचरण से भी प्रेरित कर सकें।
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