पड़ोसी को सुखी देखकर हम दुखी क्यों हो जाते हैं ? सभी जीवों के प्रति मैत्री क्यों नहीं निभाते ? यदि भावना का महल मैत्री की नींव पर बनायेंगे , तो बाहर तो बाहर ; घर के महाभारत से भी बच जायेंगे। फिर हमें कभी कोई कुछ नहीं कहेगा। मैत्री-भाव से सब जीव आत्मवत हो जायेंगे। इस प्रकार अंतस में मैत्री का दीप सदा जलता रहेगा।&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&
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