शुक्रवार, 19 नवंबर 2010

निरोग रहने का टॉनिक

निरोग रहने का टॉनिक 



अध्यात्म क्या है ? अगर हम इसे एक - वैद्य की भाषा में समझना चाहें , तो ध्यान रखना चाहिए की अध्यात्म एक ' टानिक ' है। जो मन के साथ तन को भी निरोग बनाता है। यह अलग बात है कि लोग समझना नहीं चाहते हैं। अध्यात्म चर्चा का विषय नहीं अपितु चर्या और व्यावहारिक प्रक्रिया है। इसे वही प्राप्त कर सकता है , जिसमें ध्यान किया  है। जिसकी आत्मा आत्मस्थ है। अध्यात्म को ग्रहण करने वाला प्रतिकूलताओं से कभी नहीं घबराता। अपितु स्व-विवेक धारण करके सुख के क्षणों को प्राप्त करता है। वह जानता है कि जिस सिर पर अभी कष्टों की धूप है ; शाम तक सुखों की छाया भी  और प्रतिकूलताओं का अनुवाद या रूपांतरण धर्म में कर जाएगी।$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$

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