शनिवार, 30 अप्रैल 2011

कहीं संयम रूपी ब्रेक फेल तो नहीं

 कहीं संयम रूपी ब्रेक फेल तो नहीं


 हम न बेलगाम घोड़े पर सवारी करना पसंद करते हैं और न बिना ब्रेक की गाड़ी में सफर करना उचित मानते हैंक्योंकि हमें अपने जीवन को सुरक्षित रखना होता है । हम न चाहते हुवे भी अपने शरीर की सुरक्षा के लिए शस्त्र-अस्त्र भी अपने समीप रखते हैं ।




इस शरीर की सुरक्षा के लिए हमने कितने ही प्रयास किए और जरा-सी असुरक्षा की शंका ने हमें बेचैन कर दिया और हम उसकी अवस्थिति के लिए इतने चिंतित हो गये कि दिन का चैन और रात्रि की निद्रा भी भंग हो गयी । क्या यह देखा कि जिस गाड़ी में हम बैठकर सफर कर रहे हैं , उसका ब्रेक सही है या नहीं ? कहीं संयम रूपी ब्रेक फेल तो नहीं हैं । कहीं ये हमारे इन्द्रिय-विषय रूपी भागते हुवे घोड़े हमें किसी कंटकाकीर्ण मार्ग में या गर्त्त में तो नहीं गिरा देंगे । पर बिलकुल भी नहीं सोचा , यदि सोच लिया होता तो प्रवृत्ति परिवर्तित हो जाती ।


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