शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011

अभिनेता नहीं, नेता बनिये

अभिनेता नहीं, नेता बनिये 



आज का बहुसंख्यक वर्ग नेता बनने में प्रसन्नता का अनुभव करता है । नेता बनना चाहता है तथा उसके लिए वह पुरुषार्थ भी करता है । किन्तु नेता का क्या अर्थ है एवं उसका क्या कर्त्तव्य है वह यह समझने की कोशिश नहीं करता । नेता का अर्थ है _ मुखिया या प्रधान । किसी वर्ग , देश या समाज-विशेष का प्रतिनिधित्व करने की योग्यता से सम्पन्न व्यक्ति । नेता दिशा देने वाला और अपने आश्रितों का पथ-प्रदर्शक होता है । ऐसा नेता पूर्ण उत्तरदायित्व के साथ कार्य करता है और अपने अधीन का पुत्रवत पालन करता है । ऐसा नेता अपने परिवार से भी अधिक अपने विशेष वर्ग का ध्यान रखता है ।


नेता की दृष्टि में समाज , सम्प्रदाय अथवा देश का हित ही सर्वोपरि होता है । जो स्वयं के स्वार्थों को तिलांजलि देकर परहित के लिए समर्पित हो जाये वही वास्तव में नेतृत्व कर सकता है । स्व एवं स्वार्थ को प्रमुखता देने वाला नेता नहीं अभिनेता हो सकता है । अस्तु , सत्य स्थिति तो यह है कि हमारा विवेक पूर्ण ज्ञान ही हमारा नेता है ।  दूसरों पर नेतृत्व करने की भावना ही अहंकार को जन्म देने वाली है । *************************

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