रविवार, 22 मई 2011

अनुभूति

अनुभूति



अनुभूति का अर्थ है अनुभव करना एवं वेदन करना । पंच ज्ञान इन्द्रिय और मन से सुशोभित प्रत्येक संसारी प्राणी प्रतिक्षण सुख और दुःख को अनुभव करता है । 

अस्तु , पर की अनुभति में ही हम आज तक लीन रहे तथा निज के जीवन में विष ही घोलते रहे । अब परानुभूति से स्वानुभूति की ओर आना चाहिए । 

यदि हमारे जीवन में हमें अनुभूति का एक क्षण भी प्राप्त हो गया तो जीवन में आनन्द की लहर उमड़ पड़ेगी ।  परिणामत: उसने स्व-आत्मा को स्वयं के द्वारा स्वयं में प्राप्त कर लिया और यह परमात्म-अनुभूति का कारण बन गया । *****



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