गुरुवार, 19 मई 2011

कर्दम नहीं कर-दम

कर्दम नहीं कर-दम





 कर का अर्थ है _ करना या करो । जबकि दम का अर्थ है _ साहस या दमन । कर्दम शब्द का अर्थ कीचड़ या गंदगी से लिया जाता है । साहित्य के क्षेत्र में यह अपने इसी अर्थ के लिए विख्यात है । 

अस्तु , हमारे लिए यह मनुष्य जन्म , उत्तम कुल और सत समागम आदि रूप सुयोग प्राप्त हुवा है । साहस संजोलें कि हमें इन इन्द्रिय -विषयों में अब नहीं पड़ना है और कषायों एवं कल्मषों के कर्दम में अब बिलकुल भी नहीं सड़ना है ।


हमारे आचार्यों ने कहा है कि मर कर भी अर्थात अत्यधिक परिश्रम करके भी हमें इसे पाने का प्रयास करना चाहिए। आज तक तो सांसारिक कार्यों की आहार , भय , मैथुन , परिग्रह आदि रूप -संज्ञाओं की पूर्ति के लिए ही कार्य किया है । अब ऐसा पुरुषार्थ आत्मानुभूति के लिए और स्व-संवेदन जागृत करने के लिए करना चाहिए । हमें कर्दम में नहीं फंसना नहीं चाहिए , अपितु ' कर दम ' का पुरुषार्थ करना चाहिए ।**
****

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें