गुरुवार, 5 मई 2011

उत्तम जीविका

उत्तम जीविका 




संसार रूपी विशाल मंच पर उदीयमान प्रत्येक प्राणी अपनी जीविका के उत्तम से उत्तम साधन जुटाने के लिए प्रयास रत है ।  सांसारिक सामान्य जन जीविका के लिए इधर -उधर घूमते रहते हैं और दिव्य जनों को जीविका के साधन सहज ही प्राप्त हो जाते हैं । प्रभु-कृपा सम्पन्न लोगों को जीविका और जीवन के लिए कोई विशेष प्रयास या पुरुषार्थ नहीं करना पड़ता ।

जब की अधुना मनुष्य डाक्टर , इंजीनियर, उच्च अधिकारी , बड़ा व्यवसायी आदि बनना चाहता है । हर माता-पिता की भी यह भावना है कि और बेटे की भी । तात्पर्य यह है कि जीविका तो वह अच्छी से अच्छी चाहता है और इसके लिए रात और दिन प्रयास रत भी है । मिलना या नहीं मिलना उसके सौभाग्य या दुर्भाग्य की निशानी है । किन्तु जीवन अच्छा , सभ्य , सुसंस्कृत बने इसके लिए प्रयास विरल लोग ही करते हैं ।

अस्तु, इतना समझ लें कि जिनका जीवन अच्छा बन जायेगा तो उन्हें जीविका के लिए भटकना नहीं पड़ेगा आज जिनके पास जीविका के श्रेष्ठ साधन हैं , उन्होंने किसी न किसी रूप में जीवन को श्रेष्ठ बनाने का प्रयास अवश्य किया होगा । जीवन-निर्माण से परे जीविका के साधन जुटाने मात्र के लिए प्रयासरत रहना कागज के पुष्पों में सुगन्धि की कल्पना करना है । अत: जीविका नहीं अपितु जीवन-निर्माण करें ।******

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें